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अंतर्राष्ट्रीय संबंध सिद्धांत: एक विश्लेषणात्मक दृष्टि

अंतर्राष्ट्रीय संबंध सिद्धांत

एक विश्लेषणात्मक दृष्टि

परिचय: राजनीतिक सिद्धांत और वैश्विक दृष्टिकोण

अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांत वैश्विक राजनीति की जटिलताओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण वैचारिक उपकरण प्रदान करते हैं। यथार्थवाद, उदारवाद, और अन्य उपागम राष्ट्रों के व्यवहार, संघर्ष के कारणों, और सहयोग की संभावनाओं पर गहन अंतर्दृष्टि डालते हैं। यह इन्फोग्राफिक इन प्रमुख सिद्धांतों का एक सरल और दृश्य प्रस्तुतिकरण है, जिससे उनकी मुख्य अवधारणाओं, मान्यताओं और तुलनात्मक अंतरों को आसानी से समझा जा सके।

यथार्थवादी उपागम: शक्ति और राष्ट्रीय हित

यथार्थवाद अंतर्राष्ट्रीय राजनीति को राष्ट्रों के बीच शक्ति के लिए निरंतर संघर्ष के रूप में देखता है, जहाँ राष्ट्रीय हित सर्वोपरि होता है। यह तथ्यों और वास्तविक घटनाओं पर आधारित है।

राज्य ही मुख्य कर्ता
शक्ति की राजनीति
सुरक्षा सर्वोपरि

मोर्गेंथाऊ के राजनीतिक यथार्थवाद के छह सिद्धांत

सिद्धांत संख्या सिद्धांत का विवरण
1राजनीति उन वस्तुनिष्ठ कानूनों द्वारा शासित होती है जिनकी जड़ें मानव स्वभाव में होती हैं।
2अंतर्राष्ट्रीय राजनीति को समझने की कुंजी 'शक्ति के संदर्भ में परिभाषित हित' की अवधारणा है।
3'शक्ति के रूप में परिभाषित हित' की अवधारणा सार्वभौमिक रूप से मान्य है, लेकिन इसका स्वरूप और अर्थ समय, स्थान और संदर्भ के अनुसार भिन्न हो सकता है।
4सार्वभौमिक नैतिक सिद्धांत राज्य के व्यवहार का मार्गदर्शन नहीं कर सकते; राज्य की उत्तरजीविता सर्वोच्च नैतिकता है।
5किसी एक राष्ट्र की नैतिक आकांक्षाओं को सार्वभौमिक नैतिक कानूनों के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए।
6राजनीतिक क्षेत्र की स्वायत्तता बनी रहनी चाहिए। प्रश्न: "यह नीति राष्ट्र की शक्ति को कैसे प्रभावित करती है?"

ये सिद्धांत बताते हैं कि राष्ट्र अपने हितों, विशेषकर शक्ति के संदर्भ में, कैसे कार्य करते हैं और विदेश नीति को दुनिया की वास्तविकताओं के आधार पर निर्देशित किया जाना चाहिए।

उदारवादी उपागम: सहयोग, प्रगति एवं विविध कर्ता

उदारवाद मानव प्रगति, तर्कसंगतता और सहयोग की संभावना में विश्वास रखता है। यह केवल राज्यों को ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों और व्यक्तियों को भी महत्वपूर्ण मानता है।

  • 🤝 संघर्ष स्थायी नहीं, सहयोग संभव।
  • 👤 व्यक्तिवाद, स्वतंत्रता, न्याय पर जोर।
  • 🧠 मानव स्वभाव अच्छा और तार्किक।
  • 🏛️ लोकतंत्र और अंतर्राष्ट्रीय विधि से शांति।
  • 📈 मुक्त व्यापार और आर्थिक अन्तर्निर्भरता।

उदारवादी मानते हैं कि बुरी संस्थाएं समस्याओं का कारण हैं, और लोकतांत्रिक सुधार, अंतर्राष्ट्रीय कानून और संगठन शांति को बढ़ावा दे सकते हैं। वे राष्ट्रीय हित को व्यापक रूप में देखते हैं, जिसमें आर्थिक कल्याण और मानवाधिकार शामिल हैं।

तुलनात्मक विश्लेषण: प्रमुख सिद्धांत

यथार्थवाद बनाम उदारवाद

तुलना का आधार यथार्थवाद उदारवाद
मुख्य अभिनेताराज्यराज्य, अंतर्राष्ट्रीय संगठन, NGOs, MNCs
मानव प्रकृतिनिराशावादी, शक्ति-लोलुपआशावादी, तर्कसंगत, सहयोगी
अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्थाअराजक, आत्म-सहायताअराजक, पर सहयोग संभव
संघर्ष का स्रोतमानव प्रकृति, अराजकताबुरी संस्थाएं, गलतफहमी
सहयोगसीमित, अस्थायीमहत्वपूर्ण, स्थायी संभव

नव-यथार्थवाद बनाम नव-उदारवाद

तुलना का आधार नव-यथार्थवाद नव-उदारवाद
अराजकता पर दृष्टिकोणसहयोग में प्रमुख बाधासहयोग संभव, संस्थाएं मदद करती हैं
राज्यों की चिंतासापेक्ष लाभ, सुरक्षापूर्ण लाभ, आर्थिक कल्याण भी
अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएंसीमित प्रभाव, राज्यों के उपकरणसहयोग को सुगम बनाती हैं, व्यवहार को आकार देती हैं

ये तुलनाएँ दर्शाती हैं कि विभिन्न सिद्धांत अंतर्राष्ट्रीय राजनीति की व्याख्या कैसे करते हैं, विशेष रूप से संघर्ष, सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की भूमिका के संदर्भ में।

निष्कर्ष: सिद्धांतों की समझ

अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के ये विभिन्न सिद्धांत - यथार्थवाद, उदारवाद, और उनके नव-संस्करण - वैश्विक घटनाओं को समझने के लिए विविध और कभी-कभी परस्पर विरोधी दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। कोई भी एकल सिद्धांत सभी स्थितियों की पूरी तरह से व्याख्या नहीं कर सकता है, लेकिन सामूहिक रूप से वे अंतर्राष्ट्रीय राजनीति की जटिलताओं का विश्लेषण करने के लिए एक समृद्ध वैचारिक टूलकिट प्रदान करते हैं। इन सिद्धांतों की स्पष्ट समझ नीति निर्माताओं, विद्वानों और वैश्विक मामलों में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए आवश्यक है।

© 2024 अंतर्राष्ट्रीय संबंध सिद्धांत इन्फोग्राफिक. सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए बनाया गया।

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